छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के इरदाहा गांव में प्रभु यीशु मसीह में आस्था रखने वाले 12 परिवार रहते हैं। 20 अगस्त को गांव में 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने इन 12 परिवारों पर हमला किया। यह हमला शाम करीब 5 बजे हुआ, जब भीड़ ने इकट्ठा होकर काम के बाद घर लौट रहे परिवारों को निशाना बनाया।
जिन 12 परिवारों के साथ मारपीट हुई, उनमें जितेंद्र कुमार का भी परिवार शामिल है। जितेंद्र 20 साल से भी अधिक समय से प्रार्थना में जा रहे हैं। उनका मानना है कि पूरा गांव उनसे इस बात को लेकर काफी समय से गुस्सा और नाराज था। मौके की तलाश में था कि इस मुद्दे पर लड़ाई हो सके। आखिरकार, गांव का गुस्सा 20 अगस्त को उन सभी लोगों पर निकला जो प्रार्थना में जाते हैं।
भीड़ ने कई घरों में घुसकर उन पर हमला किया। जब यह हमला हो रहा था, तब सभी पीड़ित पास की झाड़ियों और इमारतों के पीछे छिप गए, लेकिन बाद में शाम को जब वे अपने घरों की ओर लौटने लगे, तो उन पर फिर से हमला किया गया।
कई लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, और दो पीड़ितों की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें कांकेर के जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस मामले में सभी परिवारों ने पुलिस को सूचित किया, लेकिन उनके मुताबिक पुलिस ने अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

स मामले में पीड़ित मंशु राम थापा FIR दर्ज कराने पुलिस थाने पहुंचा, लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद 22 अगस्त को छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के करीब 200-250 कार्यकर्ताओं ने कांकेर में पुलिस थाने का घेराव किया।तब कहीं जाकर शाम को FIR दर्ज की गई।
मंशु राम थाप्पा के मुताबिक, फरस राम मातलाम, बिरसू कुरेटी, सगउ कुरेटी, रिपो कुरेटी और रमेश कोर्राम ने हमें गालियां दीं, थप्पड़ मारे, लाठी-जूतों से पीटा। इसके बाद जान से मारने की धमकी दी। पुलिस की दर्ज FIR में आरोपियों के पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296, 115 (2), 351 (3), 190, 191 (2) लगाई गई हैं।
