Thursday, June 19, 2025

स्टूडेंट्स बोले-टीचर मांगने पर दी जेल भेजने की धमकी:छत्तीसगढ़ में रोते हुए छात्राएं बोलीं-DEO सर ऐप्लीकेशन देखकर भड़के, चैंबर से निकाला बाहर

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छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में शिकायत लेकर पहुंची छात्राओं को DEO (जिला शिक्षा अधिकारी) ने जेल भेजने की धमकी दे डाली। छात्राओं का आरोप है कि DEO अभय जायसवाल ने उनसे बदसलूकी भी की। मामला डोंगरगढ़ स्थित सरकारी स्कूल का है।

छात्राओं का रोते हुए वीडियो भी आया है। इसमें छात्राएं बता रही हैं कि, DEO ने उनसे कहा- इस तरह किसने कहा था ऐप्लीकेशन लिखने के लिए? फिर डरा-धमकाकर भगा दिया। पिछले 4 दिनों में टीचर की बदसलूकी के कई मामले सामने आ चुके हैं।

बलरामपुर और जांजगीर-चांपा में भी शिक्षकों ने छात्रों से बदसलूकी की थी। बलरामपुर में स्टूडेंट्स ने पानी की समस्या बताई तो नाली का पानी पीने और पेशाब पीने को कह दिया। वहीं जांजगीर-चांपा में टीचर की पिटाई से एक छात्र के कान पर्दा फट गया।

छात्राओं ने रो-रोकर बताया कि DEO ने जेल भेजवाने की धमकी दी।

छात्रा आरती साहू ने बताया कि, DEO अभय जायसवाल सर ऐप्लीकेशन देखकर भड़क गए। उन्होंने कहा, ये चिट्ठी लिखना किसने सिखा दिया। इसके लिए जिंदगी भर जेल की हवा खाओगी। इसके बाद हम लोगों को चैंबर से बाहर निकाल दिया।

छात्रा ने बताया कि, पिछले साल भी बिना टीचर के पास हुए हैं। अब बोर्ड परीक्षा है, कैसे एग्जाम देंगे। ऐप्लीकेशन में स्कूली बच्चों लिखा है- ‘3 दिन के अंदर शिक्षक व्यवस्था नहीं करने पर स्कूल में धरना प्रदर्शन करेंगे। स्कूल में ताला जड़ देंगे।’

आलिवारा हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे प्रार्थना करते हुए।

दरअसल, डोंगरगढ़ के आलिवारा हायर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ाने के लिए टीचर नहीं हैं। जबकि 9वीं-10वीं में 110 और 11वीं-12वीं में 56 छात्र हैं। ऐसे में आवेदन लेकर छात्र-छात्राएं कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंची थी। वहां से कलेक्टर ने छात्र-छात्राओं को DEO के पास भेज दिया था।

वहीं बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि, पिछले 2 साल से स्कूल में टीचर नहीं हैं, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हाईस्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे हैं, लेकिन कई विषय के टीचर नहीं हैं। कलेक्टर ने 2 दिन में व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।

आलिवारा हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र-छात्रा और परिजन कलेक्टर के जनदर्शन में जाते हुए।

मामले में DEO अभय जायसवाल ने बताया कि, स्कूल में तालाबंदी की बात आवेदन में लिखी थी। मैंने बच्चों को समझाने की कोशिश की। स्कूल में तालाबंदी कानून के खिलाफ है। ऐसा करने पर आपके पालकों को परेशानी हो सकती है, लेकिन छात्राओं ने गलत ढंग से ले लिया। मैं खुद उनसे मिलूंगा और समझाउंगा। बच्चे हमारे हैं।

जानकारी के मुताबिक, स्कूल में 10 शिक्षकों की जरूरत है, जबकि 5 ही हैं। 5 शिक्षकों को पोस्ट खाली है। जो शिक्षक हैं, वे भी 9वीं से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाते हैं। वहीं 11वीं और 12वीं क्लास के एक भी शिक्षक नहीं हैं।

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